दिल्ली में आज आदमी पार्टी के लिहाज से बुरा दिन रहा। दो महत्वपूर्ण घटनायें घटी।
इस बात के कयास कई दिनों से लगाये जा रहे थे जीतेन्द्र तोमर के बाद आम आदमी पार्टी के अन्य विधायक किसी न किसी आरोप में गिरफ्तार किये जा सकते है।
कल शाम दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व NSG कमांडो सुरेन्द्र सिंह को NDMC के एक कर्मचारी के साथ मारपीट के आरोप और जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करने पर गिरफ्तार कर लिया और आज सुबह अदालत में पेश किया जायेगा।
दूसरी बड़ी घटना एक आयोग बनाने को लेकर रही। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर आरोप ऑटो में CNG किट लगाने को लेकर आरोप है जिसका खुलासा 2012 में हुआ था जिसमे LG नजीब जंग भी जाँच के घेरे में है।
कुछ दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक सदस्यीय जाँच आयोग का गठन किया था और भारत सरकार के गृहमंत्रालय ने यह कहकर रोक लगा दी कि जाँच आयोग का गठन सिर्फ LG कर सकते है।
अब सवाल यह उठता है भला जिसके ऊपर खुद घोटाले का आरोप लगा हो वह भला खुद के खिलाफ जाँच आयोग का गठन क्यों करेगा।
क्या इससे मोदी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता कमजोर नहीं होती है।
शाब्दिक त्रुटि के लिये मैं आप से अग्रिम माफ़ी मागता हूँ।
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