मोदी के प्रधानमंत्री बनने से भारत के लोकतंत्र को खतरा।
नरेन्द्र मोदी के नेतृ्व वाली सरकार बनने से देश मे तानाशाही या फ़ासीवादी आने का ख़तरा है। बतौर प्रधानमंत्री हिन्दू राष्ट्रवादी (हिन्दु संकीर्णतावादी) की सोच इस धर्मनिरपेक्ष देश के लिये खतरा है। अल्पसंख्यक समुदाय अपने आप को असरुक्षित महसूस कर सकता है। खाड़ी मल्कों और इस्लामी देशों के साथ हमारे रिश्ते खंराब हो सकते है। आयात-निर्यात प्रभावित होगा और हमारी अर्थव्यसथा चरमरा सकती है।
व्यकतिवादी सोच रखने वाले आदमी को इस देश का प्रधानमंत्री कभी नही बनना चाहिये। इसी सोच ने भाजपा के अन्दर ही एक विपक्ष तैयार कर दिया है। यही सोच इस पोस्टर में भी दिखायी देती है।
बीजेपी
अगर ईमानदार पार्टी होती तो 1998 से 2004 तक कांग्रेसी लुटेरो को जेल मे
डाल चुकी होती ,अटल और आडवानी ने अपनी जवानी से लेकर बुडापे तक कांग्रेस को
चोर बताते रहे पर जब सत्ता मे आय तब कालाधन वापस नहीं लाये , तब ये लोग
सोनिया के पैर दबा रहे थे ? अटल , अडवानी
जी ने अपने शासन में इन्होने प्रमोद महाजन जैसे दलाल देश को दिये , और आज
फिर B J P वही राग गा रही है,, बीजेपी के लोगो को जान लेना चाहिये की मोदी
जी का भी तो कोई रंजन भट्टाचार्य जैसा दामाद है की नहीं ..............
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