Tuesday, November 11, 2008

दूषित होती भारतीय राजनिति

राजनेताओ को जनता का प्रतिनिधि माना जाता है जनता उन्हें इसलिए चुनती है कि वे हमारे समाज की पिछडेपन और समस्याओं को दूर करें लेकिनयह सोच कर कितना दुःख होता है की आज का हमारा राजनातिक सम्प्रदाय कितना दूषित होता जा रा है चुनाव का टिकट उनके कम के आधार पर दिया जाता था लकिन आज टिकट देने का नजरिया बदल गया है.....आज टिकट बहुबलों को दिया जा रहा है। पासों के बल पर ख़रीदा जा रहा है लेकिन इसका दोषी कौन हमारी राजनितिक व्यवस्था , हमारे नेता या फिर हम ख़ुद जिम्मेदार है....
जरा सोचिये॥ आख़िर आप क्या सोचते है......
अवधेश कुमार "सर्वजीत" न्यू डेल्ही....



















































































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