Tuesday, April 15, 2014

शादी का भांडा फोड़ने वाले पत्रकार दर्शन देसाई (तब इंडियन एक्सप्रेस में) ने 2002

जशोदाबेन के मुताबिक शादी के सारे फोटो मोदी ने फाड़ डाले थे, "क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एक भी फोटो मेरे पास बचा रह जाय"। अर्थात मोदी ने शादी का कोई सबूत नहीं छोड़ा। सार्वजनिक तौर पर उन्होंने कभी पत्नी या शादी का जिक्र नहीं किया; विधानसभा के नामांकन पत्रों में चार बार वैवाहिक स्थिति का जवाब टाल गए। मोदी के जीवनीकार नीलांजन मुखोपाध्याय इसकी वजह यह मानते हैं कि मोदी आरएसएस के प्रचारक होकर देश के भ्रमण पर निकलना चाहते थे, लेकिन तब उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी प्रदेशों में प्रचारक बनने की यह अहम शर्त थी कि वे अविवाहित हों। मोदी ने संघ से एक बड़ा सच छुपाया, दूसरों शब्दों में पत्नी ही नहीं संघ को भी धोखे में रखा। माना जाता है कि कई साल बाद जब विवाह का भांडा फूट गया तब विवाहित प्रचारक होने की अप्रिय चर्चा से संघ को बचाने की गरज से मोदी को भाजपा में भेज दिया गया। 

शादी का भांडा फोड़ने वाले पत्रकार दर्शन देसाई (तब इंडियन एक्सप्रेस में) ने 2002 में जब जशोदाबेन को ढूंढ़ निकाला, वे रजोसाणा गांव में पढ़ा रही थीं। वे सौ रुपए महीने के किराए पर एक बगैर शौचालय वाले घर में बसर करती थीं। पति के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने बड़े उत्साह से अपनी बदली अपने गांव में करवाने की अर्जी लगाई। मोदी की भरोसेमंद आनंदीबेन पटेल राज्य की शिक्षा मंत्री थीं। उन्होंने अर्जी खारिज कर दी। यह सब जानकारियां लेकर दर्शन देसाई जब गांधीनगर लौटे तो खुद मोदी ने उन्हें फोन कर कहा -- "तुम मेरे खिलाफ लिख रहे हो। तुम्हारे अखबार ने 'मोदी मीटर' (गुजरात दंगों पर स्तंभ) चला रखा है। मुझे पता है कि आज तुमने क्या किया। तुमने जो किया, उससे बात बहुत आगे खिंच गई है। इसलिए मुझे बताओ कि तुम्हारा एजेंडा (मकसद) क्या है?" देसाई के मुताबिक वे डरे तो नहीं, लेकिन कुछ नर्वस जरूर हो गए। उन्होंने जवाब दिया -- "मेरा कोई एजेंडा नहीं है। आप मेरे संपादक से बात कर सकते हैं।" तब मोदी ने फोन काटने से पहले यह कहा -- "ठीक है, सोच लेना।"

क्या मोदी का यह बर्ताव विवाह को लेकर उनकी छुपमछुपाई का अपराधबोध प्रकट नहीं करता?

Sunday, April 13, 2014

दुनिया के इतिहास में कब इतने सारे पूंजीपतियों ने एक आदमी के अभियान में इतना पैसा लगाया


ये गरीबों से कहते हैं गरीबी हटा देंगे ! कैसे ? दुनिया के इतिहास में कब इतने सारे पूंजीपतियों ने एक आदमी के अभियान में इतना पैसा लगाया है गरीबी हटाने के लिए ? जो पैसा लगाता है वो वसूल करना भी जानता है | इसकी वसूली देश से होगी | गरीबी हटानी होती तो हटा चुके होते गजरात से जहां PDS और पब्लिक हेल्थ सिस्टम की व्यवस्था बदतर हुई है, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर आर्थिक समृद्धि के बावजूद अधिक है, दलित और आदिवासी बच्चों की शिक्षा की स्थिति राष्ट्रीय औसत तक भी नहीं !
 


ये युवाओं से कहते हैं सबको रोजगार देंगे ! The Week की कवर स्टोरी पढ़िए ! गुजरात में 5300 रूपये की नौकरी के लिए 8 लाख़ से ज्यादा युवकों ने apply किया | वहाँ 12 साल में नहीं हटी बेरोजगारी पर युवाओं का वोट चाहिए तो ख़्वाब उछाल देते हैं मंच से |

ये कहते हैं भ्रष्टाचार और वंशवाद हटायेंगे ! इन्होने चुन चुन कर देश भर के भ्रष्ट नेताओं को बटोरा है, परिवारवाद के आधार देशभर में तमाम उम्मीदवार दिए हैं, गुजरात में RTI आवदेन भरना UPSC (सिविल सर्विसेस) का exam पास करने से ज्यादा मुश्किल है ! – क्या वाकई मुकाबला करेंगे ये भ्रष्टाचार से, वंशवाद से?
बिहार पहला राज्य है जिसने भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पेशल कोर्ट अधिनियम लागू किया, भ्रष्ट अधिकारियों की सम्पति ज़ब्त की, उसमें स्कूल खोले ! बिहार पहला राज्य है जहाँ टेलीफोन के माध्यम से RTI फ़ाईल करने का system बना, उस समय के RTI Activist श्री Arvind Kejriwal ने हमें दिया था सुझाव ! RTI सिस्टम के लिए बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है !

ये किसानों से कहते हैं समृद्धि देंगे – यदि गुजरात में किसान इतने समृद्ध हैं तो कपास की खेती में लाखों बाल मज़दूर क्यों काम कर रहे हैं ? बिहार में तो किसान विश्व रिकार्ड बना रहे हैं ! हमें मिला है राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार !

फिर भी आप नहीं फंसे तो कहेंगे 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' – जिनके मंत्री कहते हैं बिहारियों के चलते गुजरात में गरीबी बढ़ी है, जिनकी पूरी पार्टी बिहारियों को जलील करने वालों के आगे नतमस्तक हो, इनके नेता अनेक स्थानों पर जाकर प्रतिशोध की आग भड़का रहे हों यह कहकर कि बदला लेंगे, हर विवादित मुद्दे पर polarise कर रहे हों, ये बनायेंगे एक भारत? एकमात्र सांस्कृतिक एजेंडा हो राम मंदिर - ये बनायेंगे श्रेष्ठ भारत?

इस देश में बदलाव का shortcut नहीं है ! बदलाव तभी संभव है जब वोट पड़े ईमानदारी से काम करने वाले दल को, साफ़-सुथरे ढंग से चुनाव लड़ने वाले दल को, और प्रमाणित ideas पर विज़न देने वाले नेतृत्व को | जय बिहार, जय भारत !

इस पोस्ट के अंश बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार के फेसबुक वाल से लिया गया है।

Saturday, April 12, 2014

रजत शर्मा मोदी से ये सवाल पूछने की हिम्मत कर पाटा है या नहीं?

आज रात को रजत शर्मा के शो में नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू होने वाला है, देखते है रजत शर्मा मोदी से ये सवाल पूछने की हिम्मत कर पाटा है या नहीं?
- सौरभ पटेल जो अम्बानी का दामाद है उसे आपने तेल और ऊर्जा मंत्री क्यों बनाया?
-सत्ता में आने के बाद आप अम्बानी को गेस के दाम कितने देंगे? 4 डॉलर, 8 डॉलर या 16 डॉलर?
-तमिलनाडू में आपने LTTE का समर्थन करने वाली वाइको कि पार्टी MDMK से हाथ मिलाया है, MDMK ने अपने घोषणा पत्र में लिखा है कि NDA कि सरकार बन्ने के बाद वो LTTE से प्रतिबन्ध हटा देगी और भारत का नाम United States of India कर देगी? क्या आप इसका समर्थन करते है?
-CAG कि रिपोर्ट के मुताबिक़ आपकी सरकार ने कुछ औद्योगिक घरानों को गैरकानूनी फायदा पहुचाया है, क्यों?
-क्या आप चाहते है कि आपकी पार्टी RTI के दायरे में आये?
-आपकी पार्टी को दिया गया 85% चंदा बेनामी क्यों है?
-बीजेपी और कांग्रेस को दिल्ली हाई कोर्ट ने वेदांता नाम कि ब्रिटिश कंपनी से चंदा लेने के अपराध में दोषी करार दिया है! इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
-क्या ये सच नहीं है कि हाल ही में गांधीनगर में 1000 RTI कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल की थी, क्युकी गुजरात में 50000 से ज्यादा RTI पेंडिंग पड़ी है?
-गुजरात में जो लचर लोकायुक्त कानून लाया गया है, उसमे ये लिखा है कि मुख्यमंत्री ही तय करेगा कि लोकयुकित की रिपोर्ट को माना जाए या नहीं, फिर लोकायुक्त का क्या मतलब हुआ?
-क्या ये सच है कि गुजरात के लोकायुक्त में ये लिखा है कि जांच पूरी होने के बाद भी कोई भी पत्रकार यदि जांच के बारे किसी भी चेनल या अखबार में लिखता है तो उस पर कार्यवाही होगी?
-लोकायुक्त की किसी भी जांच को आप रोक सकते है, अगर वो किसी मंत्री के खिलाफ हो तो, क्या ये सच है?
-क्या ये सच नहीं है कि कच्छ के सिख किसानों की ज़मीने आपने छीनी है? अगर नहीं तो उन्होंने आन्दोलन क्यों किआ है?
-क्या ये सच नहीं है कि गुजरात बीजेपी के नेता शंकर चौधरी और अन्य लोगों ने सोलर प्लांट की ज़मीन किसानों से कोंडियों के भाव खरीद कर 27 लाख/एकड़ के हिसाब से बेचीं?
-क्या ये सच नहीं है कि अदानी को 30 साल तक के लिए आपने ज़मीने 60 पैसा/एकड़ के हिसाब से दी है?
-2002 में चुनाव लड़ रहे लोगों को अपनी सम्पाती और आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा देने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बीजेपी कि सरकार ने अध्यादेश लाकर पलटने की कोशिश क्यों की थी?
-आप गांधी परिवार और वंशवाद के खिलाफ अपनी हर रेल्ली में बोलते है, मगर चुनाव आप दो सीटों से लड़ रहे है वो दोनों भी सेफ सीट है, ऐसा क्यों? आप खुद राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते? क्या मैच फिक्स है?
-आपके मुख सलाहकार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिकता फैलाने के जुर्म में रेली करने से रोका है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
-राजस्थान में बीजेपी कि वसुंधराराजे कि सरकार ने चुनावों से पहले अशोक गहलोत के खिलाफ जो ब्लैक पेपर निकाला था...उसमे 3.4 लाख करोड़ के ज़मीन घोटाले का ज़िक्र था...अब उसी घोटाले में हाई कोर्ट में वसुंधरा राजे शपथ पत्र देकर "जीरो लोस" बता रहे है! बीजेपी को इस बड़ी राशि में से कितना हिसा मिला है?
-गुजरात की 26 सीटों में से 10 पर अपने पूर्व कांग्रेसियों को टिकिट दिया है! जो कांग्रेसी पहले भ्रष्ट थे वो अब पाक साफ़ कैसे हो गए?
-रोबर्ट वाड्रा पर आप अपनी रेली में बोलते है मगर राजस्थान में जो ज़मीने वाड्रा को कोडियों के दाम अशोक गहलोत ने दी थी, उस पर आपकी सरकार क्या कार्यवाही कर रही है?
-बाबु भाई बोखादिया को खनन घोटाले में अदालत ने दोषी पाया है, वो आपके मंत्रिमंडल में अभी तक क्यों है?
- एक हजार करोड़ के राशन घोटाले में जेल जा चुके पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग बीजेपी में शामिल, क्यों?
-आप अदानी के हेलिकोप्टरों में उड़ते है, उसका किराया कौन देता है? बीजेपी या गुजरात सरकार? अगर बीजेपी देती है तो ये पैसा कहाँ से आया?
-क्या ये सच नहीं है कि पिछले 23 सालों सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में बेरोजगारी जस की तस है?
-क्या ये सच नहीं है कि एक RTI में हुए खुलासे के अनुसार गुजरात की सरकार ने आज तक अल्पसंख्यकों कि सुनवाई के लीये कोई भी आयोग गठित नहीं किआ है?
-आप गो-हत्या कि बात करते है, क्या ये सच नहीं है कि गुजरात में 1200 से ज्यादा गौचर भूमियों मर माफियाओं का कब्ज़ा है? कोर्ट के आदेश के बाद भी ये जैसा का तैसा क्यों है?
-आपने अपने चुनावी प्रचार और अपनी छवि चमकाने के लिए अमेरिकन कंपनी APCO वर्ल्डवाइड पर जो खर्चा किआ है, वो किसने दिया, बीजेपी ने या गुजरात सरकार ने? अगर बीजेपी ने दिया तो ये पैसा आया कहाँ से?
-आप विकास की बात करते है मगर 5 साल से निचे के 44% बच्चे गुजरात में कुपोषित है, क्यों?
-कुपोषण के मामले में पूरे भारत में सुधार हुआ है मगर सिर्फ गुजरात फिसड्डी साबित हुआ है, ऐसा क्यों?

मोदी ने शादी का कोई सबूत नहीं छोड़ा

जशोदाबेन के मुताबिक शादी के सारे फोटो मोदी ने फाड़ डाले थे, "क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एक भी फोटो मेरे पास बचा रह जाय"। अर्थात मोदी ने शादी का कोई सबूत नहीं छोड़ा। सार्वजनिक तौर पर उन्होंने कभी पत्नी या शादी का जिक्र नहीं किया; विधानसभा के नामांकन पत्रों में चार बार वैवाहिक स्थिति का जवाब टाल गए। मोदी के जीवनीकार नीलांजन मुखोपाध्याय इसकी वजह यह मानते हैं कि मोदी आरएसएस के प्रचारक होकर देश के भ्रमण पर निकलना चाहते थे, लेकिन तब उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी प्रदेशों में प्रचारक बनने की यह अहम शर्त थी कि वे अविवाहित हों। मोदी ने संघ से एक बड़ा सच छुपाया, दूसरों शब्दों में पत्नी ही नहीं संघ को भी धोखे में रखा। माना जाता है कि कई साल बाद जब विवाह का भांडा फूट गया तब विवाहित प्रचारक होने की अप्रिय चर्चा से संघ को बचाने की गरज से मोदी को भाजपा में भेज दिया गया। 

शादी का भांडा फोड़ने वाले पत्रकार दर्शन देसाई (तब इंडियन एक्सप्रेस में) ने 2002 में जब जशोदाबेन को ढूंढ़ निकाला, वे रजोसाणा गांव में पढ़ा रही थीं। वे सौ रुपए महीने के किराए पर एक बगैर शौचालय वाले घर में बसर करती थीं। पति के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने बड़े उत्साह से अपनी बदली अपने गांव में करवाने की अर्जी लगाई। मोदी की भरोसेमंद आनंदीबेन पटेल राज्य की शिक्षा मंत्री थीं। उन्होंने अर्जी खारिज कर दी। यह सब जानकारियां लेकर दर्शन देसाई जब गांधीनगर लौटे तो खुद मोदी ने उन्हें फोन कर कहा -- "तुम मेरे खिलाफ लिख रहे हो। तुम्हारे अखबार ने 'मोदी मीटर' (गुजरात दंगों पर स्तंभ) चला रखा है। मुझे पता है कि आज तुमने क्या किया। तुमने जो किया, उससे बात बहुत आगे खिंच गई है। इसलिए मुझे बताओ कि तुम्हारा एजेंडा (मकसद) क्या है?" देसाई के मुताबिक वे डरे तो नहीं, लेकिन कुछ नर्वस जरूर हो गए। उन्होंने जवाब दिया -- "मेरा कोई एजेंडा नहीं है। आप मेरे संपादक से बात कर सकते हैं।" तब मोदी ने फोन काटने से पहले यह कहा -- "ठीक है, सोच लेना।"

क्या मोदी का यह बर्ताव विवाह को लेकर उनकी छुपमछुपाई का अपराधबोध प्रकट नहीं करता?

Tuesday, April 8, 2014

तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है

आज अरविन्द जी पर सुनोयोजित ढंग से किये गये हमले को जिस किसी ने भी अपने टीवी सेट पर देखा होगा और उस लाली नामक व्यक्ति की बातें सुनी होंगी एक साधारण बुद्धि का व्यक्ति भी समझ सकता है के इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है! जो लोग भी इसका मजाक बना रहे हैं या हंस रहे हैं उन्हें नही भूलना चाहिये के यह तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है जो देश हित की सोंचते है, जो वास्तव मे समझते है के हमारे सिस्टम मे गंभीरता के साथ बदलाव की जरूरत है ! इस तमाचे से अरविन्द जी के आँखों से आंसू शायद नही निकले हों लेकिन देश के कोने कोने से उनके चाहने वालों के आँखों से आंसू आज जरूर निकले हैं !

है किसी मे हिम्मत जो किसी राजनेता को आँखें भी दिखा सके? मारना तो बहुत दूर की चीज है! क्या कभी किसी सरकारी बाबू को आपने उंगलियाँ मात्र भी दिखाई होंगी जो आपसे रिश्वत की मांग करते हैं ?अरे तमाचे ही मारने हैं तो उस खोखली सिस्टम को मारो जिसका शिकार हम आये दिन होते रहते हैं! यह तो चुनाव का मेला है,इस मेले मे नेताओं के अलावा ऐसे भी लोग होते हैं जो किसी पार्टी विशेस के सत्तारूढ़ होने पर अपना निजी स्वार्थ सिद्ध होता देखते हैं! ऐसे लोग भोले- भले लोगों को बड़े आसनी के साथ ऐसे मुद्दों मे उलझा देते हैं जिससे वो चाह कर भी नही निकल पाते! और इस तरह हमारे उपर वास्तविक मुद्दों की जगह एक मास्क लगा दिया जाता है जिसमे उलझ कर हम रह जाते हैं ! फिर अगले 5 सालों तक हम ऐसी सिस्टम को कोसते रहते हैं ! 

लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव कुछ अलग होगा, अगर इसमे सच पराजित होता है तो यह हमारी पराजय है,यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रा की पराजय होगी! ऐसे मे हम खुद से भी नज़र मिलाने का साहस नही कर पायेंगे हम दोष भी किसे देंगे खुद को या पक्षपातपूर्णा रवैया रखने वाले कुछ मीडिया हाउस को ? हमने 67 सालों से दूसरों पर भरोसा किया है इस बार आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा दिखाएं, जो वास्तव मे हमारे लिये लड रही है साथ ही हम अपने बहुमूल्या मताधिकार का प्रयोग करें और ज्यादा से ज्यादा ईमानदार पृष्ठभूमि के लोगों को संसद मे पहुंचाने मे अपनी महत्तवपूर्णा भागीदारी सुनिश्चित करें, निश्चय ही हमारा यह कदम उगते हुये एक नवीन भारत का प्रतीक बनेगा !

अंत मे में निजी तौर पर कहना चाहती हूँ के में आम आदमी पार्टी के विचारों और सिद्धान्तों से प्रेरित तो हूँ लेकिन सदस्या नहीं, में आप जैसे लोगों मे से ही हूँ ! अगर ऐसे विचार और सिद्धांत मुझे अन्या पार्टी मे दिखने को मिले तो निश्चय ही मेरा समर्थन उसके लिये होगा !
जय हिन्द, जय अरविन्द

केजरीवाल को सीआईए एजंट

मेरे कुछ भाजपायी मित्र ‪#‎ArvindKejariwal‬ पर हमले के मामले पर अनावश्यक ही सफाई देते फिर रहे है ठीक उसी तरह जैसे लोकतान्त्रिक मर्यादायों और संविधान को ठेगा दिखाते हुये प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने ‪#‎Modi‬. कल नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की काल्पनिक शपथ लेते हुये कहा था कि " मैं कोई काम बद्इरादे से नही करुगा।"
आखिर इन लोंगों क्यों लग रहा है कि शक उन पर किया जायेगा?

कुछ भी हो ‪#‎BJP‬ और ‪#‎NarendraModi‬ ‪#‎ArvindKejariwal‬ के खिलाफ नफ़रत फैलाने मे कामयाब हो गये है। देश के विभिन्न भागों में हो रहे हमले इसी बात का सबूत है।
मोदी ने तथाकथित पाँच लाख वाले भीड़ को सम्बोधित करते हुएे कहा था कि "केजरीवाल पाक एजेन्ट और हिन्दुस्तान का दुश्मन" वह जम्मू कश्मीर मे एक जनसभी को सम्बोधित कर रहे थे और देश उनको सुन रहा था। हालाकि यह पाकिस्तानी एेजेन्ट
56" सीना वाले मुख्यमंत्री के राज्य मे गया, मोदी से मिलने और बहस की चुनौती दी लेकिन मोदी और इनकी पुलिस इस देशद्रोही का कुछ नही बिगाड़ पाये।

जैसे चुनाव में बीजेपी की हवा है वैसे ही राष्ट्र निर्माण भी एक हवा है। जो भाषण देने के लिए नकली लाल किला बनवा सकता है वो इतिहास को बदल कर भुगोल भी कर सकता है। बीजेपी झूठ की नदी है यहाँ बड़े-2 भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों का संगम है । यहाँ एक से एक बेतुके भाषण देने वाले गुरु हैं जो मूत दें तो हजारों लोग मूत्र दर्शन के लिए इकठ्ठे हो जाते हैं। यही विशेषताएं बीजेपी के चाल-चरित्र और चेहरे का दर्शन कराती हैं।
अब आप ही सोचें कि आप भ्रष्टाचारियों के साथ रहेंगे या AAP के साथ

राजनीतिक रूप से यह निशानेबाजी होती तो कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन जिस तरह से केजरीवाल को सीआईए एजंट बताने से लेकर भगोड़ा करार देने का क्रमबद्ध अभियान चलाया गया वह न केवल अलोकतांत्रिक था, बल्कि बहुत वीभत्स और भयावह भी था। इस कथित राष्ट्रवादी दल के नेता जहां अपने बयानों से केजरीवाल के चेहरे पर कालिख लगाने की कोशिश कर रहे थे, वहीं उसी विचारधारा से जुड़े कुछ अन्य लोगों ने जब तब केजरीवाल को निशाना बनाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया से लेकर वास्तविक दुनिया तक सब जगह इसी राष्ट्रवादी विचारधारा ने केजरीवाल को शत्रु साबित करने का संगठित अभियान चला दिया।
अब तक राष्ट्रवादी कौमों ने जितना केजरीवाल को बदनाम करने की चाल चली है उनकी हर चाल नाकाम हुई है। अपनी सादगी और ईमानदारी की वजह से जनता के मन में केजरीवाल तेजी से जगह बनाते जा रहे हैं। शायद यही कारण है कि 'राष्ट्रवादी कौमें' बौखला गई हैं और वे हर तरह से केजरीवाल पर हमले कर रही हैं,

राजनीतिक साजिश के तहत करवाए जा रहे हैं अरविंद केजरीवाल पर हमले...अरविंद केजरीवाल पर हो रहे हमलों के पीछे बौखलाई भाजपा का हाथ...घटिया गंदी राजनीति कर रही है भाजपा...मोदी की आलोचना को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है...कभी वाराणसी तो कभी दिल्ली में हमले करवाए जा रहे हैं,,,अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है...
भाजपा की रेट लिस्ट -
केजरीवाल को काले झंडे दिखने वाले को 5000 रुपये
केजरीवाल पर सियाही/अंडा फेकने वाले को 11000 रुपये
केजरीवाल पर हमला करने वाले को 25000 रुपये
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता को तोड़ने वाले को 10000 रुपये तक का आफ़र !!!

भाजपा की ज़रूरी शर्त - केजरीवाल पर हमला करने वाला पहले मिसड काल करके आम आदमी पार्टी का मेंबर बने...तांकि बिका हुआ मीडिया इसे ब्रेकिंग न्यूज़ बना सके कि केजरीवाल पर हमला करने वाला AAP कार्यकर्ता !!!
जागो जनता जागो...गुंडे दंगाइयों की पार्टी भाजपा को चुनाव में सबक सिख़ाओ...इस बार देश के नाम वोट दो...इस बार आम आदमी के सांसद चुनकर संसद में भेजो...इस बार अपने सांसद चुनकर संसद में भेजो...इस बार ईमानदार को वोट दो...इस बार AAP को वोट दो !!!

Tuesday, April 1, 2014

मोदी मंत्र - गाल, गाली और गोली!

मोदी मंत्र - गाल, गाली और गोली!
नीरेंद्र नागर, सीनियर एडिटर, नवभारतटाइम्स.कॉम

“केजरीवाल ने बनारस में मोदी से कई सवाल पूछे, गुजरात विकास के दावों की सच्चाई पर आमने-सामने बहस की चुनौती भी दे दी। लेकिन बहस शब्द मोदी की डिक्शनरी में नहीं है। उनके शब्दकोश में केवल तीन शब्द हैं - गाल, गाली और गोली। इन तीनों में उनको महारत हासिल है। वह अपने ‘गाल’ बजा सकते हैं और विपक्षियों को ‘गाली’ दे सकते हैं। और इन दोनों के बल पर जनता को 'गोली' दे सकते हैं। यही उनका विजय मंत्र भी बन गया है।
“इसी मंत्र के तहत मोदी ने बुधवार को केजरीवाल को पाकिस्तानी एजेंट बता दिया। क्यों? क्योंकि आम आदमी पार्टी की साइट पर एक नक्शा लगा था जो बताता था कि पार्टी को मिलनेवाला डोनेशन दुनिया के किस-किस भाग से आया है। इस नक्शे में 'कश्मीर का पाक-अधिकृत हिस्सा' पाकिस्तान में दिखाया गया था। ध्यान दीजिए, नक्शे में 'पाक-अधिकृत कश्मीर' को पाकिस्तान में दिखाया गया था न कि सारे कश्मीर को लेकिन मोदी ने रैली में क्या कहा - कि आप की वेबसाइट पर कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया गया। सच्चाई क्या है, यह हम जानते हैं क्योंकि यह खबर सबसे पहले नवभारत टाइम्स ने चलाई थी (पढ़ें खबर) और इसी खबर के आधार पर ही बुधवार को मोदी ने केजरीवाल को पाक एजेंट बता दिया।
“सच्चाई यह भी है कि आम आदमी पार्टी की साइट पर यह नक्शा ज़रूर था लेकिन यह नक्शा केजरीवाल की पार्टी ने नहीं लगाया था। यह गूगल का ऐप्लिकेशन था और जो कोई इस ऐप को इस्तेमाल करता, उसकी साइट पर यह नक्शा अपने-आप आ जाना था।

“उदाहरण के लिए आप इसी पोस्ट पर लगे दोनों नक्शे देखिए। दोनों बिल्कुल एक जैसे हैं। ऊपर वाला नक्शा वह है जो aaptrends.com से लिया गया है। नीचे वाला गूगल ऐनलिटिक्स से उठाया है। गूगल ऐनलिटिक्स एक प्रोग्राम है जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के वेबसाइट मैनेजर अपने पाठकों से जुड़ी विभिन्न जानकारियां हासिल करने के लिए करते हैं कि कितने पाठक आए, कहां-कहां से आए, कितनी देर रहे, क्या-क्या देख-पढ़ा आदि। बीजेपी के साइट मैनेजर भी अपनी साइटों के बारे में ये सारी जानकारियां हासिल करने के लिए इसी प्रोग्राम का इस्तेमाल करते होंगे और वहां उनको हर रोज़ यही सरकटा कश्मीर दिखता होगा।
“बीजेपी में आईटी के बंदों की कमी नहीं है न ही वहां अक्लमंदों की कमी है। ये शातिर अक्लमंद बखूबी जानते हैं कि यह गूगल ऐनलिटिक्स का मैप है लेकिन वे यह भी जानते हैं कि भारतीय जनता यह नहीं जानती और उसे आसानी से ‘गोली’ दी जा सकती है यह कहकर कि आम आदमी पार्टी ने जानबूझकर सरकटे कश्मीर का मैप लगाया क्योंकि उसके नेता पाकिस्तान के एजेंट हैं।

“गुरुवार देर रात पता चला कि बीजेपी की साइट पर भी ऐसा मैप है जिसमें पूरे कश्मीर को ही विवादास्पद बताया गया है। (पढ़ें पूरी खबर) आप की साइट पर तो पाक-अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया गया था, बीजेपी की साइट पर तो भारत के कब्जेवाला कश्मीर भी विवादास्पद बताया गया है। कुदरत भी क्या न्याय करती है। कल तक आप को पाक एजेंट बताते थे मोदी, अब बीजेपी को क्या कहेंगे?”

Sunday, March 30, 2014

पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49.

-गुजरात बीजेपी के स्थानीय नेता कच्छ को पाकिस्तान का हिस्सा मानते है लेकिन पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49.
-पाकिस्तानी अख़बारों में चंदा देने के लिये एड ये देते है लेकिन पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49.
-अपने आधिकारिक साइट पर कश्मीर को विवादित ये दिखाते है  लेकिन पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49.
-बकौल मुख्तार अब्बास नकवी आतंकवादियों के साथी को पार्टी मे ये शामिल कर रहे है लेकिन पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49.
-मुम्बई धमाके के आरोंपी दाउद को शामिल ये करना चाहते है लेकिन पाकिस्तान का एजेन्ट #AK49









Saturday, March 29, 2014

एक ही आदमी से दोनों पार्टियों यानि काँग्रेस और बीजेपी को चंदा मिलता है

ABP News  के कार्यक्रम "असर" में आमिर खा़न के साथ बातचीत मे क्राँग्रसी नेता कपिल  सिब्बल ने माना कि एक ही आदमी से दोनों पार्टियों यानि काँग्रेस और बीजेपी को चंदा मिलता है। अगर इन नामों का एलान कर दिया जाय तो फिर उनका व्यवसाय ख़राब हो जायेगा।

 तब फिर इस बात पर यकीन हो जाता है कि अरविन्द केजरीवाल की बात बिल्कुल सही है " इन दोनों को बिजनेस घरानों से चन्दा मिलता है। सरकार चाहे जिसकी हो लेकिन राज यही करते है।



भाजपा के खोखले दिमाग़ वाले मोदी ने जिस नक्शे की बात की वो आम आदमी पार्टी

Please Share every day..

भाजपा के खोखले दिमाग़ वाले मोदी ने जिस नक्शे की बात की वो आम आदमी पार्टी (AAP) की आधिकारिक वेब साइट (AamAadmiParty.org) पर नहीं बल्कि AapTrends.com का डोनेशन मैप है (AAP-Donation-Map-Just-India)...इस नक्शे में दिखाया गया है कि AAP को भारत के किन हिस्सों से चंदा मिल रहा है...जिन हिस्सों से चंदा नहीं मिल रहा उसे काले रंग से दिखाया गया है...

मोदी अपने भक्तों की तरह दिमाग़ से इतना पैदल है कि बोलने से पहले इतना पता नहीं किया कि AapTrends.com आम आदमी पार्टी (AAP) की आधिकारिक वेब साइट नहीं है... आम आदमी पार्टी (AAP) की आधिकारिक वेब साइट है AamAadmiParty.org मोदी झूठ बोल रहा है....

कुछ मीडिया चैनल ख़ासकर Zee News वेब साइट AapTrends.com के डोनेशन मैप पर झूठी कहानियाँ बना कर कि AAP ने नक्शे में कश्मीर पाकिस्तान को दे दिया, इसे आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ जोड़ा गया और लोगों को गुमराह किया गया...इस सब के पीछे थे कुछ न्यूज़ चैनल और बीजेपी का डर्टी ट्रिक डिपार्टमेंट है...

ये सब AAP को बदनाम करने की बीजेपी की साजिश है...आम आदमी पार्टी (AAP) की आधिकारिक वेब साइट (AamAadmiParty.org) पर जो नक्शा उसकी तस्वीर भी देखिए...देखिए कितना झूठ बोलते हैं मोदी, मोदी भक्त, बीजेपी, और बिका हुआ मीडिया...इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करके ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाओ

Friday, March 21, 2014

मोदी के प्रधानमंत्री बनने से भारत के लोकतंत्र को खतरा।

 
मोदी के प्रधानमंत्री बनने से भारत के लोकतंत्र को खतरा।

नरेन्द्र मोदी के नेतृ्व वाली सरकार बनने से देश मे तानाशाही या फ़ासीवादी आने का ख़तरा है। बतौर प्रधानमंत्री हिन्दू राष्ट्रवादी (हिन्दु संकीर्णतावादी) की सोच इस धर्मनिरपेक्ष देश के लिये खतरा है। अल्पसंख्यक समुदाय अपने आप को असरुक्षित महसूस कर सकता है। खाड़ी मल्कों और इस्लामी देशों के साथ हमारे रिश्ते खंराब हो सकते है। आयात-निर्यात प्रभावित होगा और हमारी अर्थव्यसथा चरमरा सकती है।

व्यकतिवादी सोच रखने वाले आदमी को इस देश का प्रधानमंत्री कभी नही बनना चाहिये। इसी सोच ने भाजपा के अन्दर ही एक विपक्ष तैयार कर दिया है। यही सोच इस पोस्टर में भी दिखायी देती है।





बीजेपी अगर ईमानदार पार्टी होती तो 1998 से 2004 तक कांग्रेसी लुटेरो को जेल मे डाल चुकी होती ,अटल और आडवानी ने अपनी जवानी से लेकर बुडापे तक कांग्रेस को चोर बताते रहे पर जब सत्ता मे आय तब कालाधन वापस नहीं लाये , तब ये लोग सोनिया के पैर दबा रहे थे ? अटल , अडवानी जी ने अपने शासन में इन्होने प्रमोद महाजन जैसे दलाल देश को दिये , और आज फिर B J P वही राग गा रही है,, बीजेपी के लोगो को जान लेना चाहिये की मोदी जी का भी तो कोई रंजन भट्टाचार्य जैसा दामाद है की नहीं ..............

Thursday, March 20, 2014

#‎Modi‬ को कोसने, गरियाने वालों की जमात बनती जा रही है ‪#‎BJP‬.

#‎Modi‬ को कोसने, गरियाने वालों की जमात बनती जा रही है ‪#‎BJP‬.

‪#‎SubmaniyamSwami‬ - इनकी वजह से ‪#‎NDA‬ अटल जी सरकार एक वोट से गिर गयी थी।
‪#‎RamVilasPaswan‬- मोदी पर 2002 में दंगे के आरोंपों के NDA से अलग हो गये थे।
‪#‎RamkripalYadav‬- मोदी एक वायरस है।
‪#‎GagdambikaPal‬- जिंदगी भर विपक्ष में बैठ कर मोदी और भाजपा को गरियrते रहे।
‪#‎RajuSrivastav‬- 56 इंच सीना वाले बयान पर मोदी को दैत्य बताया।

ये दिखाता है भारतीय जनता पार्टी सत्ता पाने के लिये किसी हद तक जा सकते है। सत्ता के लालच में ये दल #BJP को कभी भी लात मार सकते है।

पकड़ा गया इंडिया टीवी के रजत शर्मा का सफ़ेद झूठ

पकड़ा गया इंडिया टीवी के रजत शर्मा का सफ़ेद झूठ

इंडिया टीवी के सर्वेसर्वा रजत शर्मा 14 मार्च को प्रसारित 9 बजे के कार्यक्रम 'आज की बात' में अरविंद केजरीवाल के कई पेंच खोलने की कोशिश की। बुखार होने और बीमार होने का हवाला देते हुए रजत शर्मा ने पत्रकारिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित करने के लिये 14 मार्च का कार्यक्रम एंकर किया। लेकिन कार्यक्रम के अंत में रजत शर्मा ने जो दावा किया था अब वो सारे दावे सवालों के घेरे में है। इस कार्यक्रम के अंत में रजत शर्मा ने अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को संबोधित करते हुए कहा कि "केजरीवाल जी, आपको पब्लिक लाइफ में आये हुये चार दिन हुये हैं। संघर्ष क्या होता है, ये आपको नहीं मालूम है। लेकिन अपनी बात कहने की आजादी के लिये मैंने इमरजेंसी के ज़माने में जेल काटी है। उस ज़माने में जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश था, आज़ाद अखबार निकालने के लिये पुलिस मुझे पकड़ के ले गई और मैंने मार खाई। दो दिन तक थाने में टार्चर सहा और अगर हिम्मत से सच कहने के लिये सौ बार और ज़ेल जाना पड़ेगा तो मैं तैयार हूं क्योंकि देश की जनता मेरे साथ है।" गौरतलब हो कि रजत शर्मा ने अपने कार्यक्रम में इस तरह के दावे किये हैं।
दरअसल 57 वर्षीय रजत शर्मा का जन्म 30 अप्रैल 1956 में हुआ था। इन्होने जिस इमरजेंसी के ज़माने में जेल काटने की बात कही है, उसकी हक़ीकत ये है कि रजत शर्मा ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत ही 1982 के आसपास की थी। आपातकाल 25 जून, 1975 को लगाया गया था और 21 मार्च 1977 तक लागू था। यहाँ गौर करने की बात ये है कि जिस वक़्त के बारे में रजत शर्मा एक स्वतंत्र अखबार निकालने की बात करते हैं उस वक़्त इनकी उम्र मात्र 19 साल की थी। अब यहाँ ज़रा सोचने वाली बात ये है कि अगर वो सिर्फ आंदोलन में जेल जाने की बात कहते तो एक बार उनकी बातों पर विश्वास किया भी जा सकता था। लेकिन 19 साल की उम्र में अखबार चलाने की बात ज़रा अतिसंयोक्ति सी लग रही है क्यूंकि उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि उनका पत्रकारिता कैरियर 1982 में शुरू हुआ है और उसी वक़्त उन्होंने अपना पहला लेख लिखा था, फिर 1975 में वो अखबार कैसे निकालने रहे थे? रजत शर्मा के ही पुराने इंटरव्यू के अनुसार 1982 में पहली बार उन्होंने ऑनलुकर में अपना पहला लेख लिखा था।
गौरतलब हो कि 11 अप्रैल 2009 को बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार के अंश में या विकिपीडिया पर इसकी सत्यता की जांच कर सकते हैं। उनका कहना था कि "पत्रकार बनने का कभी नहीं सोचा था। बस सोचा था कि एम कॉम के बाद बैंक में नौकरी करूँगा और घर का भार कम करूँगा। एम कॉम के रिज़ल्ट का इंतज़ार कर रहा था तभी मेरी मुलाक़ात जयनंदा ठाकुर से हुई। उन्हें रिसर्चर की ज़रूरत थी। उन्होंने इसके लिए मुझे चार सौ रुपये महीने देने का वादा किया। एक दिन मैंने उनसे कहा कि जितनी सूचनाएँ मैं देता हूँ, वो सब तो आप इस्तेमाल नहीं करते। क्या मैं इसे इस्तेमाल कर सकता हूँ? फिर मैंने एक लेख ऑनलुकर पत्रिका को भेजा और उन्होंने इसके लिए मुझे 600 रुपये दिए। ये बात जुलाई 1982 की होगी। ऑनलुकर के एडीटर डीएम सिल्वेरा ने मुझे पत्रिका में बतौर ट्रेनी का ऑफ़र दिया। इसे आप मेरी किस्मत ही कह सकते हैं। 1982 के आखिर में उन्होंने मुझे संवाददाता बना दिया, फिर 1984 में दिल्ली का ब्यूरो चीफ़।"
अब यहाँ ये रिसर्च का विषय है कि रजत शर्मा ने अपने पुराने इंटरव्यू में झूठ बोला था कि उनका पत्रकारिता कैरियर सन 1982 में शुरू हुआ था या फिर अब बोल रहे हैं कि वो 1975 में आपातकाल के दौरान उनके आज़ाद अखबार चलाने के लिए उन्हें जेल भेजा गया था। वैसे 'आप की अदालत' लगा कर मशहूर हुये रजत शर्मा अब 'आप' की अदालत के कटघरे में हैं। जाहिर है, केजरीवाल को झूठा बताने की कोशिश में रजत शर्मा ऐसी बात कह गये हैं, जिसे साबित करना उनके लिये मुश्किल होगा।

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Wednesday, March 19, 2014

कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही सेम है ....

कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही सेम है ....
 १ दोनों मिलकर दारू बाट सकते हैं। 
२ दोनों भ्रस्टाचार कर सकते हैं।
 ३ दोनों दागियों को टिकिट दे सकते हैं। 
४. दोनों RTI के दायरे में नहीं आना चाहते।
 ५ दोनों चंदे का हिसाब नहीं देना चाहते।
 ६. दोनों लाल बत्ती की गाड़ी चाहते हैं। 
७. दोनों आम आदमी को हराना चाहते हैं।। 
८. दोनों सिर्फ सत्ता चाहते हैं।
 ९. दोनों सांप्रदायिक है l
 १०. दोनों सख्त लोकपाल के विरोध में है l 
 ११. दोनों सीबीआई को स्वतंत्र करने के पक्ष में नहीं है ll तो दोनों मिलकर सरकार क्यों नहीं बना सकते
ये भी ठीक है...!
एक पीएम उम्मीदवार तो दूसरा सबसे सशक्त पीएम मैटीरियल...!!
लड़ा दो बनारस में आमने सामने से.....
जो जीते , उसे पीएम बनाने और दिल से मानने की शर्त के साथ....,
बनारस की आम जनता पर फैसला छोड़ते हुए......
क्यों....?
#जय जनलोकपाल..!-

आम आदमी पार्टी की उपलब्धि -
पहली बार हम को पता चला की मीडिया भी बिकाऊ होता है !
पहली बार हम को पता चला की कांग्रेस और बीजेपी अदानी और
अम्बानी की दुकान है!i
पहली बार हम को पता चला की कितने सारे क्रिमनल्स और
करप्ट्स सिस्टम में बैठे हैं !
पहली बार हम को पता चला की हमारे वोट की अहमियत क्या है!
पहली बार हम को पता चला की धर्म के इलावा भी मुद्दे हैं,जिस
पर अवाम एक जुट हो सकती है
पहली बार हम को पता चला की कोई सख्स सी.एम्.बन कर
महज़ ४९ दिन में एक कानून के लिए कुर्सी झोड़ देता है!
पहली बार हम को पता चला की ४९ दिन में सी.एम्.बन कर इतने
काम कर दिए जो ४९ साल सत्ता में भी रह कर नहीं कर सके !
पहली बार अवाम इकठा है ईमानदार राजनीत के लिए!
पहली बार भारत जागा है!
यह है आप का इफ़ेक्ट !!

Sunday, March 16, 2014

Question of Arvind Kejariwal

केजरीवाल ने कहा, मोदी जी चाय पिला देते तो क्या बिगड़ जाता? इतना क्यों डरते हैं मोदी जी मेरे से?
केजरीवाल: मोदी हेलिकॉप्टर से आते हैं, स्टेज पर उतरते हैं, भाषण देते हैं और निकल जाते हैं। यही हाल राहुल का है।
सफेद झूठ बोलते हैं मोदी जी। खुलेआम झूठ बोलते हैं मोदी जी और मीडियावाले उसे दिखाते
केजरीवाल ने कहा, मोदी और राहुल को बताना पड़ेगा कि 1947 में देश आजाद हो गया है।
केजरीवाल: मुकेश अंबानी को क्यों दिए गैस के कुएं?बीजेपी के अलावा कांग्रेस ने भी पैसे कमाए। 1 डॉलर की चीज 4 डॉलर में दे दी।400 पर्सेंट प्रॉफिट
मोदी हेलिकॉप्टर से आते हैं, स्टेज पर उतरते हैं, भाषण देते हैं और निकल जाते हैं। यही हाल राहुल का है।
केजरीवाल: कर्नाटक के वीरप्पा मोइली ने चुनाव से कुछ पहले बदमाशी करके गैस के दाम 8 डॉलर कर दिए। 1 अप्रैल से गैस के दाम बढ़े को महंगाई होगी
केजरीवाल ने कहा, अगर एक मुख्यमंत्री किसी राज्य के सीएम से मिलना चाहे तो समय नहीं मिलता, 5 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया।
जो काम हरियाणा में वाड्रा करते हैं, वही गुजरात में मोदी जी करते हैं। दोनों में क्या फर्क है? -
दोस्तों कांग्रेस की जगह बीजेपी पार्टी बदलने से हमारी ज़िन्दगी नहीं बदलनी वाली केवल चेहरे बदलेंगे ; केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, मेरे बारे में दिखाते हैं कि इतने बेडरूम का मकान ले रहे हैं। मोदी जी का झूठ क्यों नहीं दिखाते?
केजरीवाल ने कहा, सफेद झूठ बोलते हैं मोदी जी। खुलेआम झूठ बोलते हैं मोदी जी और मीडियावाले उसे दिखाते हैं।
केजरीवाल ने कहा, मोदी जी के राज में 800 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
केजरीवाल ने कहा, जो काम हरियाणा में वाड्रा करते हैं, वही गुजरात में मोदी जी करते हैं। दोनों में क्या फर्क है?
अंग्रेजों ने 200 सालों में उतना नहीं लूटी, जितना 10 सालों में राहुल, सोनिया और मनमोहन की सरकार ने घोटाला किया: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, गुजरात के किसान खून के आंसू रो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि हमारी जमीन सरकार ने कौड़ियों के भाव छीन ली।
अमित शाह इस देश के गृह मंत्री बन जाएंगे तो देश में किन-किन औरतों की जासूसी करवाएंगे: केजरीवाल
मैं गुजरात का विकास देखने सीखने गया था जो देखा वो शॉकिंग था सरकार में एक भी काम बिना पैसे के नहीं होता है ; केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, बाबू भाई बुखारिया को माइनिंग में कोर्ट से तीन साल की सजा हो चुकी है और अभी भी वह मंत्री हैं। क्या मजबूरी है मोदीजी की।
केजरीवाल ने कहा, गुजरात जाकर मैंने देखा कि वहां एक भी काम बिना पैसे का नहीं होता है। चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
अंग्रेजों ने 200 सालों में उतना नहीं लूटी, जितना 10 सालों में राहुल, सोनिया और मनमोहन की सरकार ने घोटाला किया: केजरीवाल
केजरीवाल ने कर्नाटक से 6 नेताओं को दागी बताया। केजरीवाल ने कहा, कर्नाटक में भ्रष्टाचार का बोलबाला। देशभर में लोग बीजेपी, कांग्रेस से दुखी।
केजरीवाल ने कहा, मोदी जी दो सीटों से लड़ने पर विचार कर रहे हैं। उन्हें बहादुरी दिखाना चाहिए और एक सीट पर चुनाव लड़ना चाहिए।

Thursday, March 13, 2014

मोदी के 17 घोटाले और मोदी के राष्ट्रवाद का सच...

अरविंद केजरीवाल ही है जिसने मोदी को सेफ सीट ढूंढने पर मजबूर कर दिया...अरविंद केजरीवाल ही है जिसने मोदी के झूठे विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी...

इंटरव्यू से भागता है मोदी...सवालों के जवाब देने से भागता है मोदी...अपने भ्रष्टाचार पर बहस करने से भागता है मोदी !!! मोदी के 17 घोटाले...ये 17 घोटाले ऐसे हैं जिन पर मोदी लोकायुक्त की जाँच नहीं चाहते...राष्ट्रवाद का राग अलापने वाले मोदी ने भारतीय वायुसेना को सस्ती ज़मीन ना देकर एक रिअल स्टेट डीवेलपर को सस्ती ज़मीन दे दी...पढ़िए मोदी के 17 घोटाले और मोदी के राष्ट्रवाद का सच...

✪Land for Nano plant at low rate
The state government allotted 1100 acres of land to Tata Motors Ltd (TML) to set up the Nano plant near Sanand. The land was allotted allegedly at Rs900 per square metre while its market rate was around Rs10,000 per square metre. Simply put, the government gave Tata Motors total monetary benefit of Rs33,000 crore.

✪Land sold cheap to Adani Group
Land was allotted to Adani Group for the Mundra Port & Mundra Special Economic Zone (SEZ) at Re1 per square metre. This is grossly lower than the market rate.

✪Cheap land for ind, not for airforce
The Gujarat government allotted 3,76,561 square metre of land to real estate developer K Raheja at Rs470 per square metre, while the South-West Air Command (SWAC) was asked to pay Rs1100 per square metre for 4,04,700 square metre land.

✪Agricultuure University land allotted for hotel
State government allotted 65,000 square metres of land belonging to Navsari Agriculture University in Surat to Chatrala Indian Hotel Group for a hotel project despite objection from the institute. This deal was allegedly brokered by the chief minister through his office causing a loss of Rs426 crore.

✪Border land for chemical firms
A huge plot of land near the Pakistan border was allotted to salt chemical companies said to be close to BJP leader Venkaiah Naidu.

✪Essar Group's encroachment
State government has allotted 2.08 lakh square metres of land to Essar Steel. Part of the disputed land is CRZ and forest land that cannot be allotted as per Supreme Court guidelines.

✪Land given to Bharat Hotel
Prime land was allotted to Bharat Hotels without auction on Sarkhej-Gandhinagar Highway in Ahmedabad. The company has been allotted 25,724 square metre land.

✪Corruption in allotment of lakes
State government, in 2008, awarded contracts for fishing activities in 38 lakes without inviting any tenders; bidders were ready to pay Rs25 lakh per lake.

✪Land given to L&T
Larson & Toubro (L&T) was allotted 80 hectare land at Hazira at the rate of Re1 per square metre.

✪Land allotted to other industries
Instead of auctioning prime land in the major cities of the state, the Gujarat government had allotted the land to some industries and industrialists who had signed MoUs in the five editions of VGGIS.

✪Cattle feed fraud
The Gujarat government had purchased cattle feed from a blacklisted company at Rs240 per 5 kg whereas the market rate is just Rs120 to Rs140 per 5 kg.

✪Scam in Anganwadi centres
Two bidders apparently formed a cartel and bid for supplying supplementary Nutrition Extruded Fortified Blended Food (EFBF) to Anganwadi centres of the state. One company bid for three zones, while the other for only two. Guidelines were violated, causing the state exchequer a loss of Rs92 crore.

✪GSPC
Despite an investment of Rs4933.50 crore, GSPC has been able to earn only Rs290 crore from the 13 out of 51 blocks of oil and gas discovered by the company. Contractual relations of Geo-Global and GSPC deserve investigation since Geo-Global is to be hired for a higher fee, above profit-sharing.

✪Luxury aircraft used by CM
Instead of using commercial flights or state-owned aircraft and helicopter, chief minister Narendra Modi had used private luxury aircraft for around 200 trips in five years. The cost had been borne by the beneficiary industries.

✪Rs500 crore SSY scam
The Rs6237.33 crore Sujalam Sufalam Yojana (SSY) announced in 2003 was to be completed by 2005 but it is still not completed. Public accounts committee of Gujarat assembly unanimously prepared a report indicating a scam of over Rs500 crore which was not tabled.

✪Indigold Refinery land scam
Around 36.25 acre farmland in Kutch district was purchased and sold in violation of all norms by Indigold Refinery Ltd.

✪Swan Energy
49% of the shares of Pipavav Power Station of GSPC were sold to Swan Energy without inviting any tenders.

✪अरविंद केजरीवाल ने इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में कहा, 'भ्रष्टाचार के मामले में यूपीए सरकार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. यूपीए तो चली जाएगी. कांग्रेस खत्म है. पिछले एक साल से देश के साथ बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है. बीजेपी वाले और मीडिया का एक हिस्सा नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने पर तुला है...हम 48 घंटे के गुजरात दौरे पर गए. देखकर बहुत दुखा हुआ. भ्रष्टाचार के बिना गुजरात में कोई काम नहीं हो रहा. सरकारी दफ्तर हो या फिर नौकरी पाने का मसला, हर जगह भ्रष्टाचार है.'

✪अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2002 के बाद 12 दंगे हुए हैं गुजरात में !!! अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'दंगा होते नहीं हैं, दंगे करवाए जाते हैं...इसमें किसी न किसी राजनीतिक पार्टी का हाथ होता है...एक नेता को सजा दे दो...सारे दंगें बंद हो जाएंगे !!!

✪अरविंद केजरीवाल : सुरक्षा की बात करते हैं...मैं दो दिन गुजरात में था...तीन बार हमले हुए हम पर...जो मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री की रक्षा नहीं कर सकता...वो गुजरात के लोगों को सुरक्षा क्या देगा...शुक्र है मेरा एनकाउंटर नहीं हुआ !!!

✪अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अंबानी परिवार के दामाद गुजरात सरकार में मंत्री है... अंबानी परिवार के दामाद सौरभ पटेल गुजरात सरकार के मंत्री हैं !!!

✪गुजरात को मोदी नहीं चला रहे, अंबानी और अडानी चला रहे हैं. वहां हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं चलती. मोदी जी जवाब क्यों नहीं देते. मोदी जी मीडिया के सवाल नहीं लेते : अरविंद केजरीवाल

✪इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मोदी जी की कैबिनेट में ही भ्रष्टाचारी बैठे हैं. वहां किसानों की हालत बेहद खराब है. अगर देश के किसानों को इसके बारे में पता चले तो वो बीजेपी को वोट नहीं देंगे. किसानों से सस्ती दर में जमीन खरीदकर अडानी ग्रुप को कौड़ियों के भाव में जमीन दे दी गई. चरणका गांव में सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर बीजेपी के विधायक ने जमीन हथिया ली. तो मोदी जी और रॉबर्ट वाड्रा में क्या फर्क. कुछ ऐसा ही काम तो हरियाणा में भी हो रहा है. वहां पर किसानों ने बताया कि टाटा नैनो प्रोजेक्ट के लिए 29000 करोड़ की सब्सिडी दी गई. किसान यही कहता है हमसे क्या गलती हो गई.'

✪गुजरात के अपने दौरे के बारे में बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'प्राइवेट हेल्थ सेंटर पर ताले लगे हुए हैं. मैं सामी के रेफरल अस्पताल में गया, वहां दो डॉक्टर थे एक नर्स थी. अस्पताल में कोई दवाई नहीं थी. मालिया गांव में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में दो डॉक्टर हैं. लोग कहते हैं इनमें से एक आता है और एक हफ्ते में कभी-कभार. ये हेल्थ का हाल है. तालुका में 618 स्टूडेंट का कॉलेज है, सिर्फ 2 टीचर है. एक-एक शिक्षक सैलरी 5300 रुपये महीने में हैं. इतने पैसे में घर कैसे चलाया जा सकता है. ये वहां पर शिक्षा का हाल है. मोदी जी के आंकड़ें भी झूठ बोलते हैं. मोदी जी ने कृषि में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. कृषि में -01.18 फीसदी का दर है. कहा गया कि 2002 के बाद गुजरात में कोई दंगे नहीं हुए, जबकि 6 दंगे हुए. मेहसाणा में लघु उद्योग बंद हो गए, कुल 147 फैक्ट्री बंद हो गईं. क्या सिर्फ अंबानी और अडानी का विकास होगा. अंबानी परिवार के दामाद सौरभ पटेल को उन्होंने गैस, पेट्रोल और माइनिंग का मंत्री बना दिया.

✪अरविंद केजरीवाल : गुजरात में 60 के बाद बसे लोगों से जमीन छीनी जा रही है...कच्छ में सिखों से जमीन छीनी जा रही है...पांच हजार करोड़ रुपये की जमीन जनता से छीनी जा रही है !!!

✪अरविंद केजरीवाल : मुझे कांग्रेस का एजेंट कहा जाता है. पर ये भी जान लो कि रॉबर्ट वाड्रा का खुलासा आम आदमी पार्टी ने किया था. बीजेपी वालों के पास ये कागजात थे. पर वे चुप रहे. दोनों पार्टी के बीच सांठगांठ है, दोनों ने सोचा कि हम अपने दामाद को बचाते हैं तुम अपने बचाओ !!!

✪हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार कम किया...लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार नहीं खत्म हो सकता...मैं ऐसा नहीं मानता...कड़े कदम और दोषियों को सजा देकर भ्रष्टाचार कम किया जा सकता है...हम जनलोकपाल लेकर आ रहे थे, पर बीजेपी-कांग्रेस ने उसे रोक दिया - अरविंद केजरीवाल

आपकी आवाज़: लोकतंत्र के हितैसी या राजनितिक पार्टियों के दलाल!

आपकी आवाज़: लोकतंत्र के हितैसी या राजनितिक पार्टियों के दलाल!

लोकतंत्र के हितैसी या राजनितिक पार्टियों के दलाल!

Letter to Punjab Kesari.

पंजाब केसरी ने आदमी पाटॅी को लेकर पिछले एक सप्ताह की हेडलाइन्स नीचे लिख रहा हूँ
-लोकतंत्र के भक्षक नही रक्षक बने।
-आप नेता के मुँह पर स्याही पोती। हिन्दूवादी संगठन वीरसेना का आदमी था न कि आदमी पार्टी का।
-अहमदाबाद में केजरी का प्रोग्राम फ्लाप, 50-60 लोग आये।
-केजरीवाल की जुर्रत!
-आप नेताओं में घमासान।
-मोदी का रथ नही रुकेगा!
-मुम्बई में आप समर्थकों और केजरीवाल  ने मचाया कोहराम।


                                               ये केवल हेडलाइन्स है, इनके अन्दर पढ़ने पर यह स्टोरी पूरी तरह से भाजपा या मोदी जी के पक्ष में लिखी हुयी होती है।  तब लोकतंत्र के चौथे स्तमभ पर शक होता है। और इस जमात मे आप अकेले नही है। इसमे Zee news group, India news & Times Now भी शामिल है। मसला यही नही ख़त्म हो जाता है। आखि़र इसके पीछे क्या कारण है। कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। क्या इसके पीछे आप और भाजपा नेताओं मसलन राजनाथ जी, विजय गोयल या अरुण जेटली के साथ मित्रवत व्यवहार या फिर आपके माता श्री किरण चोपड़ा और सुषमा स्वराज जी के साथ पारिवारिक रिश्ते क्योंकि सुषमी जी को आपके फार्महाउस पर करवाचौथ मनाते हुए तस्वीरों में देखा गया है।
Zee news का भाजपा founder memeber है एकतरफ़ा रिपौटिग। जैसे Zee news ने कल हेडलाइंस चलाई "आम आदमी पार्टी समर्थकों की मुम्बई में गुण्डा-गर्दी" सरासर ग़लत न्यूज़। हॅा, अरविन्द से मिलने की चाह में, अफरा-तफरी ज़रुर मची और मेटल डिटेक्टर को नुकसान पहुचा।
रही बात India News की, India news के डायरेक्टर दीपक चौरसिया को बढ़ाने में आडवानी जी का हाथ है जब वो DD News के लिए काम करते थे। कुछ दिन क्राँग्रेसी चैनल होने का आरोप लगा। लेकिन जब से India news के मालिक विनोद शर्मा ने Congress party छोड़ नमो-नमो करना शरु किया है इंडिया न्यूज़ ने भी मोदी का गुणगान और आम आदमी पार्टी को दुष्प्रचार करना शुरु कर दिया है।

मैं इसे आप लोगों की कमी नही मानता। विश्व के तथाकथित सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया को लेकर कोई भी एक ऎसी जिम्मेदार संस्था नही है जो इन सब चीजों पर स्वत: संज्ञान लेकर रोक लगा सके। तब सोचने पर मज़बूर होना पड़ता है आप जैसे मीडिया हाउस चलाने वाले लोग लोकतंत्र के हित में काम नही, बल्कि कुछ राजनितिक पार्टियों और नेताओं की दलाली का काम करते हो। और अरविन्द केजरीवाल की यह बात पूरी तरह सही है कि " पूरे देश में मोदी की लहर चल रही है, हवा चल रही है" यह आप जैसे मीडिया हाउसेज़ के द्नवारी फैलाया गया महज एक षडयंत्र है। अगर एैसा होता तो फिर, बातों और विचारधारा के तौर पर दोगली पार्टियों से हाथ नही मिलाते जैसे लोजपा, जस्टिस पार्टी और मनसे।
क्या बीजेपी और मोदी ये बतायेंगें राजठाकरे से हाथ मिलाने के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के ग़रीब मजदूरों, रेहडी- पटरी वालों और रिक्शा चालकों को न्याय कैसे मिलेगा।

मोदी एक तानाशाह प्रवति का आदमी है। गुजरात से लेकर दिल्ली तक सभी बडे़ नेताओं को अकेला खा गया मसलन केशूभाई पटेल, शंकर सिंह वाघेला, आडवानी जी, अरुन जेटली, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज। भारतीय जनता पार्टी का सत्ता में आना और मोदी का प्रधानमंत्री बनना भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश और संविधान के मूल भावना के खिलाफ़ होगा।मोदी को इस देश  का प्रधानमंत्री कभी नही बनना चाहिये। अगर NDAकिसी तरह से 272 का जुगाड़ कर लेती है तो अरुण जेटली सबसे अच्छा विकल्प होंगें।

Tuesday, March 4, 2014

अण्णा- गांधी से गन्ना तक

अन्ना-गन्ना: क्या टिप्पणी लिखी है मित्रवर रवीश कुमार ने! नीचे उनके ब्लॉग से पूरी चिपका रहा हूँ, पढ़िए …

अण्णा- गांधी से गन्ना तक / रवीश कुमार
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आदरणीय अण्णा,

मैं कल्पना करना चाहता हूँ पर कर नहीं पा रहा हूँ । यही कि मोहन दास करमचंद गांधी किसी पार्टी का विज्ञापन कर रहे हैं । कैमरे के सामने टेक रीटेक दे रहे हैं । आप गांधी के बाद लगभग गांधी बनने वाले शख़्स तो बन ही गए थे । मीडिया हमने सबने आपमें गांधी देखा था । आपको भी लगा कि गांधी की तरह आश्रम में रहना चाहिए । आपने राजनीति से दूरी बनाये रखने के असंख्य बयान दिये । कहा कि राजनीति में नहीं जायेंगे । आपके आस पास ऐसे लोग जमा हुए जिन पर आपने यक़ीन किया कि ये भी राजनीति में नहीं जायेंगे । आप राजनीति की तरफ़ गए अरविंद से दूरी बनाते रहे और छकाते रहे । गांधी की हैसियत से सर्टिफ़िकेट जारी करते रहे ।

आज वी के सिंह बीजेपी में जा चुके हैं । किरण बेदी रोज़ मोदी का प्रचार करती हैं । आपके बाक़ी सदस्य क्या कर रहे हैं पता नहीं लेकिन आप तृणमूल कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं । आपको कौन मैनेज कर सकता है । यह ज़रूर है कि आपको मैनेज करने वालों को कोई और मैनेज कर रहा था । आपने वी के सिंह और किरण बेदी को कभी ख़त लिखकर सवाल नहीं पूछा । जनलोकपाल के बदले रूप को जब कांग्रेस बीजेपी अपनी विश्वसनीयता का हथियार बनाने के लिए पास कर रही थीं तब आपके साथ किरण बेदी थीं । आज उसी लोकपाल के लिए बनी सर्च कमेटी को लेकर विवाद हो रहा है । जो आपको नहीं दिखा कि सर्च कमेटी का क्या मतलब है जब सलेक्शन कमेटी मानने को बाध्य नहीं । इसी बिन्दु पर जस्टिस थामस ने सर्च कमेटी के प्रमुख का पद छोड़ दिया । उनका सवाल सर्च कमेटी की प्रासंगिकता को लेकर था मगर बीजेपी ने इसे सरकार की नाकामी बता दी । बीजेपी ने थामस के सवालों का जवाब नहीं दिया । उन्होंने सर्च कमेटी की क्षमता के प्रति अविश्वास व्यक्त किया जिसे कांग्रेस बीजेपी ने मिलकर पास किया था । सरकार और विपक्ष दोनों का गुमान है कि सच वही बोलते हैं ।

आप भी इस विवाद से दूर हैं । चुप हैं । आप अब अण्णा नहीं रहे । बारी बारी से कांग्रेस बीजेपी के काम आने के बाद ममता के कार्यकर्ता बन गए हैं । आपने ख़ुद मैं ही अण्णा तू भी अण्णा के नारे को ख़त्म कर दिया । आप मैं ही अण्णा मैं ही अण्णा जपने लगे हैं । आने वाले दिलों में आप अजित सिंह की पार्टी रालोद या चौटाला की पार्टी इनेलो के लिए भी प्रचार करते नज़र आयेंगे ।

अण्णा आपने गांधी को निराश किया है । आपने जेपी को निराश किया है । उनलोगों को सही साबित किया है जो आपके अनशनों और भाषणों के वक्त हँसा करते थे । आप किस प्रोजेक्ट के तहत तृणमूल के लिए प्रचार कर रहे हैं । आम आदमी पार्टी के आधार में कंफ्यूजन फैलाने का नया मंच है या दिल्ली में प्रचार कर तृणमूल को लिए कुछ वोट बटोरने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उसे राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए पर्याप्त वोट मिल जाये या आप ममता के बहाने आप का वोट काट कर मोदी का भला कर रहे हैं । जैसे आप पर आरोप लगता है कि यह बीजेपी को हराने का कांग्रेस का प्रोजेक्ट है वैसे ही कहीं आप आप को हराने के लिए बीजेपी का प्रोजेक्ट तो नहीं ।

वैसे अण्णा आप गांधी से गन्ना बन चुके हैं । सब चूस रहे हैं आपको । चूस चुके हैं । आपको एक सुझाव देता हूँ । आप एक आत्मकथा लिखिये जिसमें सच बोलने का प्रयास कीजिये कि आप कैसे कैसे मैनेज होते रहे । उसका नाम रखिये- गांधी से गन्ना तक । कोई अचानक ब्लागर बनकर मैनेज करता है तो कोई सीडी रिकार्ड करता है । आपने अपना सबसे अचूक हथियार गँवा दिया है। नैतिकता का अधिकार । आपकी टोपी पर सब अपना नाम लिख चुके हैं । किसी रैली में ममता आपकी टोपी उतारकर अपनी टोपी पहना देंगी जिस पर लिखा होगा मैं भी ममता तू भी ममता । टीवी पर आप जिस ममता को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं आप चाहें तो वी के सिंह को भी दे सकते हैं । वे बीजेपी में ही गए हैं । आपके हिसाब से तो अच्छे उम्मीदवार है हीं । बाकी त जो है सो हइये है ।

भवदीय,

रवीश कुमार एंकर

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