Saturday, April 12, 2014

रजत शर्मा मोदी से ये सवाल पूछने की हिम्मत कर पाटा है या नहीं?

आज रात को रजत शर्मा के शो में नरेन्द्र मोदी का इंटरव्यू होने वाला है, देखते है रजत शर्मा मोदी से ये सवाल पूछने की हिम्मत कर पाटा है या नहीं?
- सौरभ पटेल जो अम्बानी का दामाद है उसे आपने तेल और ऊर्जा मंत्री क्यों बनाया?
-सत्ता में आने के बाद आप अम्बानी को गेस के दाम कितने देंगे? 4 डॉलर, 8 डॉलर या 16 डॉलर?
-तमिलनाडू में आपने LTTE का समर्थन करने वाली वाइको कि पार्टी MDMK से हाथ मिलाया है, MDMK ने अपने घोषणा पत्र में लिखा है कि NDA कि सरकार बन्ने के बाद वो LTTE से प्रतिबन्ध हटा देगी और भारत का नाम United States of India कर देगी? क्या आप इसका समर्थन करते है?
-CAG कि रिपोर्ट के मुताबिक़ आपकी सरकार ने कुछ औद्योगिक घरानों को गैरकानूनी फायदा पहुचाया है, क्यों?
-क्या आप चाहते है कि आपकी पार्टी RTI के दायरे में आये?
-आपकी पार्टी को दिया गया 85% चंदा बेनामी क्यों है?
-बीजेपी और कांग्रेस को दिल्ली हाई कोर्ट ने वेदांता नाम कि ब्रिटिश कंपनी से चंदा लेने के अपराध में दोषी करार दिया है! इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
-क्या ये सच नहीं है कि हाल ही में गांधीनगर में 1000 RTI कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल की थी, क्युकी गुजरात में 50000 से ज्यादा RTI पेंडिंग पड़ी है?
-गुजरात में जो लचर लोकायुक्त कानून लाया गया है, उसमे ये लिखा है कि मुख्यमंत्री ही तय करेगा कि लोकयुकित की रिपोर्ट को माना जाए या नहीं, फिर लोकायुक्त का क्या मतलब हुआ?
-क्या ये सच है कि गुजरात के लोकायुक्त में ये लिखा है कि जांच पूरी होने के बाद भी कोई भी पत्रकार यदि जांच के बारे किसी भी चेनल या अखबार में लिखता है तो उस पर कार्यवाही होगी?
-लोकायुक्त की किसी भी जांच को आप रोक सकते है, अगर वो किसी मंत्री के खिलाफ हो तो, क्या ये सच है?
-क्या ये सच नहीं है कि कच्छ के सिख किसानों की ज़मीने आपने छीनी है? अगर नहीं तो उन्होंने आन्दोलन क्यों किआ है?
-क्या ये सच नहीं है कि गुजरात बीजेपी के नेता शंकर चौधरी और अन्य लोगों ने सोलर प्लांट की ज़मीन किसानों से कोंडियों के भाव खरीद कर 27 लाख/एकड़ के हिसाब से बेचीं?
-क्या ये सच नहीं है कि अदानी को 30 साल तक के लिए आपने ज़मीने 60 पैसा/एकड़ के हिसाब से दी है?
-2002 में चुनाव लड़ रहे लोगों को अपनी सम्पाती और आपराधिक मुकदमों का ब्यौरा देने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बीजेपी कि सरकार ने अध्यादेश लाकर पलटने की कोशिश क्यों की थी?
-आप गांधी परिवार और वंशवाद के खिलाफ अपनी हर रेल्ली में बोलते है, मगर चुनाव आप दो सीटों से लड़ रहे है वो दोनों भी सेफ सीट है, ऐसा क्यों? आप खुद राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते? क्या मैच फिक्स है?
-आपके मुख सलाहकार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिकता फैलाने के जुर्म में रेली करने से रोका है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
-राजस्थान में बीजेपी कि वसुंधराराजे कि सरकार ने चुनावों से पहले अशोक गहलोत के खिलाफ जो ब्लैक पेपर निकाला था...उसमे 3.4 लाख करोड़ के ज़मीन घोटाले का ज़िक्र था...अब उसी घोटाले में हाई कोर्ट में वसुंधरा राजे शपथ पत्र देकर "जीरो लोस" बता रहे है! बीजेपी को इस बड़ी राशि में से कितना हिसा मिला है?
-गुजरात की 26 सीटों में से 10 पर अपने पूर्व कांग्रेसियों को टिकिट दिया है! जो कांग्रेसी पहले भ्रष्ट थे वो अब पाक साफ़ कैसे हो गए?
-रोबर्ट वाड्रा पर आप अपनी रेली में बोलते है मगर राजस्थान में जो ज़मीने वाड्रा को कोडियों के दाम अशोक गहलोत ने दी थी, उस पर आपकी सरकार क्या कार्यवाही कर रही है?
-बाबु भाई बोखादिया को खनन घोटाले में अदालत ने दोषी पाया है, वो आपके मंत्रिमंडल में अभी तक क्यों है?
- एक हजार करोड़ के राशन घोटाले में जेल जा चुके पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग बीजेपी में शामिल, क्यों?
-आप अदानी के हेलिकोप्टरों में उड़ते है, उसका किराया कौन देता है? बीजेपी या गुजरात सरकार? अगर बीजेपी देती है तो ये पैसा कहाँ से आया?
-क्या ये सच नहीं है कि पिछले 23 सालों सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में बेरोजगारी जस की तस है?
-क्या ये सच नहीं है कि एक RTI में हुए खुलासे के अनुसार गुजरात की सरकार ने आज तक अल्पसंख्यकों कि सुनवाई के लीये कोई भी आयोग गठित नहीं किआ है?
-आप गो-हत्या कि बात करते है, क्या ये सच नहीं है कि गुजरात में 1200 से ज्यादा गौचर भूमियों मर माफियाओं का कब्ज़ा है? कोर्ट के आदेश के बाद भी ये जैसा का तैसा क्यों है?
-आपने अपने चुनावी प्रचार और अपनी छवि चमकाने के लिए अमेरिकन कंपनी APCO वर्ल्डवाइड पर जो खर्चा किआ है, वो किसने दिया, बीजेपी ने या गुजरात सरकार ने? अगर बीजेपी ने दिया तो ये पैसा आया कहाँ से?
-आप विकास की बात करते है मगर 5 साल से निचे के 44% बच्चे गुजरात में कुपोषित है, क्यों?
-कुपोषण के मामले में पूरे भारत में सुधार हुआ है मगर सिर्फ गुजरात फिसड्डी साबित हुआ है, ऐसा क्यों?

मोदी ने शादी का कोई सबूत नहीं छोड़ा

जशोदाबेन के मुताबिक शादी के सारे फोटो मोदी ने फाड़ डाले थे, "क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एक भी फोटो मेरे पास बचा रह जाय"। अर्थात मोदी ने शादी का कोई सबूत नहीं छोड़ा। सार्वजनिक तौर पर उन्होंने कभी पत्नी या शादी का जिक्र नहीं किया; विधानसभा के नामांकन पत्रों में चार बार वैवाहिक स्थिति का जवाब टाल गए। मोदी के जीवनीकार नीलांजन मुखोपाध्याय इसकी वजह यह मानते हैं कि मोदी आरएसएस के प्रचारक होकर देश के भ्रमण पर निकलना चाहते थे, लेकिन तब उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी प्रदेशों में प्रचारक बनने की यह अहम शर्त थी कि वे अविवाहित हों। मोदी ने संघ से एक बड़ा सच छुपाया, दूसरों शब्दों में पत्नी ही नहीं संघ को भी धोखे में रखा। माना जाता है कि कई साल बाद जब विवाह का भांडा फूट गया तब विवाहित प्रचारक होने की अप्रिय चर्चा से संघ को बचाने की गरज से मोदी को भाजपा में भेज दिया गया। 

शादी का भांडा फोड़ने वाले पत्रकार दर्शन देसाई (तब इंडियन एक्सप्रेस में) ने 2002 में जब जशोदाबेन को ढूंढ़ निकाला, वे रजोसाणा गांव में पढ़ा रही थीं। वे सौ रुपए महीने के किराए पर एक बगैर शौचालय वाले घर में बसर करती थीं। पति के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने बड़े उत्साह से अपनी बदली अपने गांव में करवाने की अर्जी लगाई। मोदी की भरोसेमंद आनंदीबेन पटेल राज्य की शिक्षा मंत्री थीं। उन्होंने अर्जी खारिज कर दी। यह सब जानकारियां लेकर दर्शन देसाई जब गांधीनगर लौटे तो खुद मोदी ने उन्हें फोन कर कहा -- "तुम मेरे खिलाफ लिख रहे हो। तुम्हारे अखबार ने 'मोदी मीटर' (गुजरात दंगों पर स्तंभ) चला रखा है। मुझे पता है कि आज तुमने क्या किया। तुमने जो किया, उससे बात बहुत आगे खिंच गई है। इसलिए मुझे बताओ कि तुम्हारा एजेंडा (मकसद) क्या है?" देसाई के मुताबिक वे डरे तो नहीं, लेकिन कुछ नर्वस जरूर हो गए। उन्होंने जवाब दिया -- "मेरा कोई एजेंडा नहीं है। आप मेरे संपादक से बात कर सकते हैं।" तब मोदी ने फोन काटने से पहले यह कहा -- "ठीक है, सोच लेना।"

क्या मोदी का यह बर्ताव विवाह को लेकर उनकी छुपमछुपाई का अपराधबोध प्रकट नहीं करता?

Tuesday, April 8, 2014

तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है

आज अरविन्द जी पर सुनोयोजित ढंग से किये गये हमले को जिस किसी ने भी अपने टीवी सेट पर देखा होगा और उस लाली नामक व्यक्ति की बातें सुनी होंगी एक साधारण बुद्धि का व्यक्ति भी समझ सकता है के इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है! जो लोग भी इसका मजाक बना रहे हैं या हंस रहे हैं उन्हें नही भूलना चाहिये के यह तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है जो देश हित की सोंचते है, जो वास्तव मे समझते है के हमारे सिस्टम मे गंभीरता के साथ बदलाव की जरूरत है ! इस तमाचे से अरविन्द जी के आँखों से आंसू शायद नही निकले हों लेकिन देश के कोने कोने से उनके चाहने वालों के आँखों से आंसू आज जरूर निकले हैं !

है किसी मे हिम्मत जो किसी राजनेता को आँखें भी दिखा सके? मारना तो बहुत दूर की चीज है! क्या कभी किसी सरकारी बाबू को आपने उंगलियाँ मात्र भी दिखाई होंगी जो आपसे रिश्वत की मांग करते हैं ?अरे तमाचे ही मारने हैं तो उस खोखली सिस्टम को मारो जिसका शिकार हम आये दिन होते रहते हैं! यह तो चुनाव का मेला है,इस मेले मे नेताओं के अलावा ऐसे भी लोग होते हैं जो किसी पार्टी विशेस के सत्तारूढ़ होने पर अपना निजी स्वार्थ सिद्ध होता देखते हैं! ऐसे लोग भोले- भले लोगों को बड़े आसनी के साथ ऐसे मुद्दों मे उलझा देते हैं जिससे वो चाह कर भी नही निकल पाते! और इस तरह हमारे उपर वास्तविक मुद्दों की जगह एक मास्क लगा दिया जाता है जिसमे उलझ कर हम रह जाते हैं ! फिर अगले 5 सालों तक हम ऐसी सिस्टम को कोसते रहते हैं ! 

लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव कुछ अलग होगा, अगर इसमे सच पराजित होता है तो यह हमारी पराजय है,यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रा की पराजय होगी! ऐसे मे हम खुद से भी नज़र मिलाने का साहस नही कर पायेंगे हम दोष भी किसे देंगे खुद को या पक्षपातपूर्णा रवैया रखने वाले कुछ मीडिया हाउस को ? हमने 67 सालों से दूसरों पर भरोसा किया है इस बार आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा दिखाएं, जो वास्तव मे हमारे लिये लड रही है साथ ही हम अपने बहुमूल्या मताधिकार का प्रयोग करें और ज्यादा से ज्यादा ईमानदार पृष्ठभूमि के लोगों को संसद मे पहुंचाने मे अपनी महत्तवपूर्णा भागीदारी सुनिश्चित करें, निश्चय ही हमारा यह कदम उगते हुये एक नवीन भारत का प्रतीक बनेगा !

अंत मे में निजी तौर पर कहना चाहती हूँ के में आम आदमी पार्टी के विचारों और सिद्धान्तों से प्रेरित तो हूँ लेकिन सदस्या नहीं, में आप जैसे लोगों मे से ही हूँ ! अगर ऐसे विचार और सिद्धांत मुझे अन्या पार्टी मे दिखने को मिले तो निश्चय ही मेरा समर्थन उसके लिये होगा !
जय हिन्द, जय अरविन्द

केजरीवाल को सीआईए एजंट

मेरे कुछ भाजपायी मित्र ‪#‎ArvindKejariwal‬ पर हमले के मामले पर अनावश्यक ही सफाई देते फिर रहे है ठीक उसी तरह जैसे लोकतान्त्रिक मर्यादायों और संविधान को ठेगा दिखाते हुये प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने ‪#‎Modi‬. कल नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की काल्पनिक शपथ लेते हुये कहा था कि " मैं कोई काम बद्इरादे से नही करुगा।"
आखिर इन लोंगों क्यों लग रहा है कि शक उन पर किया जायेगा?

कुछ भी हो ‪#‎BJP‬ और ‪#‎NarendraModi‬ ‪#‎ArvindKejariwal‬ के खिलाफ नफ़रत फैलाने मे कामयाब हो गये है। देश के विभिन्न भागों में हो रहे हमले इसी बात का सबूत है।
मोदी ने तथाकथित पाँच लाख वाले भीड़ को सम्बोधित करते हुएे कहा था कि "केजरीवाल पाक एजेन्ट और हिन्दुस्तान का दुश्मन" वह जम्मू कश्मीर मे एक जनसभी को सम्बोधित कर रहे थे और देश उनको सुन रहा था। हालाकि यह पाकिस्तानी एेजेन्ट
56" सीना वाले मुख्यमंत्री के राज्य मे गया, मोदी से मिलने और बहस की चुनौती दी लेकिन मोदी और इनकी पुलिस इस देशद्रोही का कुछ नही बिगाड़ पाये।

जैसे चुनाव में बीजेपी की हवा है वैसे ही राष्ट्र निर्माण भी एक हवा है। जो भाषण देने के लिए नकली लाल किला बनवा सकता है वो इतिहास को बदल कर भुगोल भी कर सकता है। बीजेपी झूठ की नदी है यहाँ बड़े-2 भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों का संगम है । यहाँ एक से एक बेतुके भाषण देने वाले गुरु हैं जो मूत दें तो हजारों लोग मूत्र दर्शन के लिए इकठ्ठे हो जाते हैं। यही विशेषताएं बीजेपी के चाल-चरित्र और चेहरे का दर्शन कराती हैं।
अब आप ही सोचें कि आप भ्रष्टाचारियों के साथ रहेंगे या AAP के साथ

राजनीतिक रूप से यह निशानेबाजी होती तो कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन जिस तरह से केजरीवाल को सीआईए एजंट बताने से लेकर भगोड़ा करार देने का क्रमबद्ध अभियान चलाया गया वह न केवल अलोकतांत्रिक था, बल्कि बहुत वीभत्स और भयावह भी था। इस कथित राष्ट्रवादी दल के नेता जहां अपने बयानों से केजरीवाल के चेहरे पर कालिख लगाने की कोशिश कर रहे थे, वहीं उसी विचारधारा से जुड़े कुछ अन्य लोगों ने जब तब केजरीवाल को निशाना बनाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया से लेकर वास्तविक दुनिया तक सब जगह इसी राष्ट्रवादी विचारधारा ने केजरीवाल को शत्रु साबित करने का संगठित अभियान चला दिया।
अब तक राष्ट्रवादी कौमों ने जितना केजरीवाल को बदनाम करने की चाल चली है उनकी हर चाल नाकाम हुई है। अपनी सादगी और ईमानदारी की वजह से जनता के मन में केजरीवाल तेजी से जगह बनाते जा रहे हैं। शायद यही कारण है कि 'राष्ट्रवादी कौमें' बौखला गई हैं और वे हर तरह से केजरीवाल पर हमले कर रही हैं,

राजनीतिक साजिश के तहत करवाए जा रहे हैं अरविंद केजरीवाल पर हमले...अरविंद केजरीवाल पर हो रहे हमलों के पीछे बौखलाई भाजपा का हाथ...घटिया गंदी राजनीति कर रही है भाजपा...मोदी की आलोचना को बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है...कभी वाराणसी तो कभी दिल्ली में हमले करवाए जा रहे हैं,,,अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है...
भाजपा की रेट लिस्ट -
केजरीवाल को काले झंडे दिखने वाले को 5000 रुपये
केजरीवाल पर सियाही/अंडा फेकने वाले को 11000 रुपये
केजरीवाल पर हमला करने वाले को 25000 रुपये
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता को तोड़ने वाले को 10000 रुपये तक का आफ़र !!!

भाजपा की ज़रूरी शर्त - केजरीवाल पर हमला करने वाला पहले मिसड काल करके आम आदमी पार्टी का मेंबर बने...तांकि बिका हुआ मीडिया इसे ब्रेकिंग न्यूज़ बना सके कि केजरीवाल पर हमला करने वाला AAP कार्यकर्ता !!!
जागो जनता जागो...गुंडे दंगाइयों की पार्टी भाजपा को चुनाव में सबक सिख़ाओ...इस बार देश के नाम वोट दो...इस बार आम आदमी के सांसद चुनकर संसद में भेजो...इस बार अपने सांसद चुनकर संसद में भेजो...इस बार ईमानदार को वोट दो...इस बार AAP को वोट दो !!!