Tuesday, April 8, 2014

तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है

आज अरविन्द जी पर सुनोयोजित ढंग से किये गये हमले को जिस किसी ने भी अपने टीवी सेट पर देखा होगा और उस लाली नामक व्यक्ति की बातें सुनी होंगी एक साधारण बुद्धि का व्यक्ति भी समझ सकता है के इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है! जो लोग भी इसका मजाक बना रहे हैं या हंस रहे हैं उन्हें नही भूलना चाहिये के यह तमाचा अरविन्द जी को नही बल्कि उन देशवासियों को मारा गया है जो देश हित की सोंचते है, जो वास्तव मे समझते है के हमारे सिस्टम मे गंभीरता के साथ बदलाव की जरूरत है ! इस तमाचे से अरविन्द जी के आँखों से आंसू शायद नही निकले हों लेकिन देश के कोने कोने से उनके चाहने वालों के आँखों से आंसू आज जरूर निकले हैं !

है किसी मे हिम्मत जो किसी राजनेता को आँखें भी दिखा सके? मारना तो बहुत दूर की चीज है! क्या कभी किसी सरकारी बाबू को आपने उंगलियाँ मात्र भी दिखाई होंगी जो आपसे रिश्वत की मांग करते हैं ?अरे तमाचे ही मारने हैं तो उस खोखली सिस्टम को मारो जिसका शिकार हम आये दिन होते रहते हैं! यह तो चुनाव का मेला है,इस मेले मे नेताओं के अलावा ऐसे भी लोग होते हैं जो किसी पार्टी विशेस के सत्तारूढ़ होने पर अपना निजी स्वार्थ सिद्ध होता देखते हैं! ऐसे लोग भोले- भले लोगों को बड़े आसनी के साथ ऐसे मुद्दों मे उलझा देते हैं जिससे वो चाह कर भी नही निकल पाते! और इस तरह हमारे उपर वास्तविक मुद्दों की जगह एक मास्क लगा दिया जाता है जिसमे उलझ कर हम रह जाते हैं ! फिर अगले 5 सालों तक हम ऐसी सिस्टम को कोसते रहते हैं ! 

लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव कुछ अलग होगा, अगर इसमे सच पराजित होता है तो यह हमारी पराजय है,यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रा की पराजय होगी! ऐसे मे हम खुद से भी नज़र मिलाने का साहस नही कर पायेंगे हम दोष भी किसे देंगे खुद को या पक्षपातपूर्णा रवैया रखने वाले कुछ मीडिया हाउस को ? हमने 67 सालों से दूसरों पर भरोसा किया है इस बार आम आदमी पार्टी पर अपना भरोसा दिखाएं, जो वास्तव मे हमारे लिये लड रही है साथ ही हम अपने बहुमूल्या मताधिकार का प्रयोग करें और ज्यादा से ज्यादा ईमानदार पृष्ठभूमि के लोगों को संसद मे पहुंचाने मे अपनी महत्तवपूर्णा भागीदारी सुनिश्चित करें, निश्चय ही हमारा यह कदम उगते हुये एक नवीन भारत का प्रतीक बनेगा !

अंत मे में निजी तौर पर कहना चाहती हूँ के में आम आदमी पार्टी के विचारों और सिद्धान्तों से प्रेरित तो हूँ लेकिन सदस्या नहीं, में आप जैसे लोगों मे से ही हूँ ! अगर ऐसे विचार और सिद्धांत मुझे अन्या पार्टी मे दिखने को मिले तो निश्चय ही मेरा समर्थन उसके लिये होगा !
जय हिन्द, जय अरविन्द

No comments: